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तुमको सजा मिलेगी / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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टुल्लम टुल्ला गिल्ली डंडा, खेल रहे थे गद्दू|
इसी बीच में ठीक सामने, निकल पड़े थे दद्दू||
गिल्ली लगी सामने कसकर, दद्दू का सिर फूटा|
डर के मारे गद्दू जी का, इधर पसीना छूटा||
मार पड़ेगी यही सोचकर, गद्दू घर से भागे|
किंतु हाय तकदीर पड़ गये, दादीजी के आगे||
दादी ने पकड़ा हाथों से, करदी बहुत धुनाई|
फोड़ा था दद्दू का सिर, तो सजा उन्होंने पाई||
उल्टे सीधे काम किये, तो अब न दाल गलेगी|
फोड़ा अगर किसी का सिर तो, तुमको सजा मिलेगी