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तुमने अबोले नयनों से जो बोला / गिरीष बिल्लोरे 'मुकुल'

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तुमने अबोले नयनों से जो बोला
उस कहे को हमने –
आज़ रात चांद को तक तक के तोला.
देर तलक
दूर तलक सोचता रहा
शायद तुमने ये कहा ?
न तुमने वो कहा ?
जो भी
मन कहता है – तुमने कहा था !
“मुझे, तुमसे प्यार है !”
सच यही तो कहा था है न ?
अबोले नयनों से !!