जब तक मैंने निज को गाया
बना रहा अभ्यागत
जब मैंने तुम सब को गाया
रचा गया ज्यों आगत
जब-जब मैंने अपने पर रोया
तब-तब हुआ विगत
जब-जब रोया तुम सब पर
तुमने कहा तथागत !
जब तक मैंने निज को गाया
बना रहा अभ्यागत
जब मैंने तुम सब को गाया
रचा गया ज्यों आगत
जब-जब मैंने अपने पर रोया
तब-तब हुआ विगत
जब-जब रोया तुम सब पर
तुमने कहा तथागत !