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तुमसे-दो / रेणु हुसैन
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तुमसे मिलकर लगता है
हसीन ये दुनिया हो जाये
जीवन में आ जाये बहार
पर खोल के खुशियां चहक उठें
महक उठे तन-मन में प्यार
रौशन हो जाये तन्हाई
वीराने में आए निखार
मिट जाए सारी बेचैनी
दिल में आ जाये करार
हर लमहा इक इंद्र्धनुष-सा
आंखों में खिल-खिल जाये
इक तेरे दामन में सारे
सपनों को मंज़िल मिल जाये
खुद को भूल ही जाते है हम
खबर नहीं फिर अपनी रहती