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तुमसे गले लगना / मुदित श्रीवास्तव

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तुमसे गले लगना
जैसे रोक देना
धरा को घूमने से
जैसे रोक देना
शाम के वक़्त
किसी झील की गोद में
सुरज को ऊँघने से
जैसे रोक देना
भरी दोपहरी में
पवमान के वेग को अचानक
और फिर सोचना कि
सांसे क्यों नहीं चल रहीं?
संसार के सदैव सर-सराते समय को समाप्त कर देना है
तुमसे गले लगना!
या फिर जैसे
गति देना,
रवि की रोशनियों से
नदियों में एक नई सुबह को
जन्म लेने के लिये,
जैसे देना गति
अर्श से फ़र्श
को जोड़ते हुए बारिश के धागों को
भूमि पर वनस्पतियो की गांठ बाँधने के लियेे
जैसे महसूस करना
गली में खेलते
नंग धड़ंग बच्चों की तालियाँ
और ठहाकों को, किलकारियों को
तुमसे गले लगना
वैसे ही है जैसे
गुलमोहर का खिलना गर्मियों में
जैसे आंगन में बैठक
दोपहर में सर्दियों में,
जैसे बेझिझक भीगना बारिशों में
तुमसे गले लगने का मतलब,
सारे मौसमों और उनमें खिलने वाले फूलों
और उनके सारे रंगों को अपने से
लिपटा लेना है
तुमसे गले लगना,
जैसे तुम्हें गले से लगा लेना है!
सदियों से धरा घूम ही तो रही है
सदियों से दिन पर दिन ढले जा रहें हैं
बच्चों की किलकारियाँ ग़ुम हैं
रंग भी अब फूलों के नहीं रहे सगे
हाँ क्योंकि हम
एक लंबे अरसे से
इक दूसरे के गले से नहीं लगे!