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तुमसे प्रेम करते हुए-चार / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
प्रेम करते हुए
इस दुनिया को बदलने का स्वप्न
हर किसी की आंखों में नहीं तैरता
जब तैर रहा है हमारी आंखों में
तो पहले वैसी दुनिया बनायें
फिर करें प्रेम
नये सिरे से
अपने लिये
मुझसे प्रेम करते हुए
तुम्हें जानना चाहिए
जो प्रेम नहीं कर सकता
अपनी दुनिया से
वह नहीं कर सकता
किसी से भी प्रेम !