धुन लावनी
तुम्हरे कारण सब छोड्या, अब मोहि क्यूं तरसावौ हौ।
बिरह-बिथा लागी उर अंतर, सो तुम आय बुझावौ हो॥
अब छोड़त नहिं बड़ै प्रभुजी, हंसकर तुरत बुलावौ हौ।
मीरा दासी जनम जनम की, अंग से अंग लगावौ हौ॥
शब्दार्थ :- कारण =लिए, खातिर। छोड़त नहिं बड़ै = छोड़ने से काम नहीं चलेगा।