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तुम्हारा अंक / अरुण चन्द्र रॉय
Kavita Kosh से
तालिकाओं में
खोए
आँकड़ों के जाल में
उलझे-उलझे
हम
मानो अंक
अंक ना हो...
तुम्हारा अंक हो !