जब तुम लौटोगे 
तुम्हारा लौटना 
लाएगा रंगों  में और सुर्खी 
और वैविध्य 
इन्द्रधनुष की तरह 
तुम्हारे लौटने से 
कोहरे को चीरकर 
धरती से 
बाँह- भर भेंटेगी धूप
तुम्हारा लौटना 
जीने की भूख बढ़ा देगा 
तमाम तरलताओं से अकुंठ -
तुम्हारा आना 
भर देगा स्वाद जीवन में 
तुम्हारी पदचाप से 
थम जायेगा 
अनर्गल कोलाहल तन का 
और चुप्पियों के बीच 
जन्मेंगे अनंत गीत ।