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तुम्हारा एहसास / नीरजा हेमेन्द्र
Kavita Kosh से
घबराना नही मेरे दिल/जब
मेरे रास्तों में अँधेरा उतर आये
या मैं भोर को ढूँढती हुई
दुनिया की दौड़ में
अँधेरे और प्रकाश मिश्रित/ सड़क पर
तेजी से दौड़ने लगूँ
पथराई हुई आँखों से
अँधेरी सड़क पर रोशनी
ढूँढती फिरूँ।
ऐ मेरे दिल
तुम तब भी न घबराना
जब मेरे गीतों में
र्दद उभर आये
तुम्हारे सौन्दर्य का गीत गाते-गाते
मेरे स्वर बहक जाये, तो
ऐ मेरे दिल!
तुम वादा करो
जिस प्रकार कृष्ण ने
जयद्रथ वध के समय
सूर्य को ढ़क लिया था
वादा करो..
उस समय तुम भी अपने
सौंदर्य को ढ़क लोगे।