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तुम्हारा चाँद, मेरा चाँद / अंजना वर्मा
Kavita Kosh से
एक चाँद तुम्हारी खिड़की के आसमान पर है
जो तुम्हें बेहद प्यारा लगता है
जिसे देखकर तुम्हें
तुम्हारी प्रेमिका याद आ जाती है
एक चाँद
मेरे भी खुले आसमान पर है
पर उसे देखकर
भुखमरी के इस मौसम में
मेरे मुँह से
एक ही शब्द निकलता है- 'रोटी'
मुझे रोटी याद आती है
चाँद को चाँद कहने के लिए
ज़रूरी है पेट में रोटी का होना