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तुम्हारा प्यार पूरा चाहिए था / सोनरूपा विशाल
Kavita Kosh से
यही बस एक गहना चाहिए था
तुम्हारा प्यार पूरा चाहिए था
छिड़कना पड़ रहा है इत्र उस पर
वो गुल जिसको महकना चाहिए था
तुम्हें ही ध्यान में रखता है कोई
तुम्हें ये ध्यान रखना चाहिए था
मेरी ख़ामोशियाँ समझीं गईं कब
मुझे आँखें भिगोना चाहिए था
ये मुझसे ज़िन्दगी कहती है अक्सर
मुझे अच्छे से जीना चाहिए था
भले इक काठ का बिस्तर ही होता
मगर बाँहों का तकिया चाहिए था
परखनी है अगर हिम्मत दिए की
उसे आँधी में रखना चाहिए था
तुम्हें ख़ुद दुख मेरा महसूस होता
मुझे चुपचाप रहना चाहिए था