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तुम्हारी आँख के बादल / हेमन्त शेष

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तुम्हारी आँख के बादल

और गर्भवती धरती की नमी के लिए

जब रास्ते

शब्दों से निकलना शुरू होंगे

तभी होगी सुबह।

अर्थों के शिशु।

सूरज के घोड़े।

रोशनी की चिड़िया।

हैं सब समाए हुए सदियों से

सिर्फ़ शब्द की आँख में।