तुम्हारी याद आयी तो तुम्हारें घर चला आया।
बहुत दिन बाद दिल को याद दिल का मामला आया।।
न पूछों इन परिंदों की कहाँ रातें गुजरतीं हैं,
ये पूछों इन उड़ानों में कहाँ से हौसला आया।।
घिरे हैं रंज के बादल पड़ोसी मुल्क में अपने,
हवा बिगड़ी चमन उजड़ा वतन में जलजला आया।।
मोहब्बत को किसी की बज्म में बदनाम कर बैठा,
जिसे रोका गया था वो किसी का दिल जला आया।।
जिसे समझा गया था मुल्क का है रहनुमा वह ही,
लगा कर आग गुलशन में सभी को बरगला आया।