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तुम्हारी स्मृति में / भावना मिश्र
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तुम्हारी स्मृति में
एक अन्तराल मेरे नाम का भी होगा
जैसे सागर किनारे
रेत पर रहते हैं पैरों के निशाँ
सिर्फ एक अन्तराल भर