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तुम्हारे जाने के बाद / कुमार राहुल
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					तन्हाई बीनी है 
तुम्हारे जाने के बाद...
वक़्त को देखा है 
फाहे की तरह उड़ते हुए 
लिबास की तरह 
बदलती हैं कैसे 
रूह परछाईयाँ 
उतरती है शाम 
कि जैसे आँख में 
उतरता हो पानी 
धुओं ने ज़ब्त रखा है 
ज़ज्बात को यहाँ 
इस तरफ 
बू आती है 
सांस से 
इन दिनों 
तुम्हारी ख़ुशी 
उम्र भर का ग़म है 
मेरे लिए 
तन्हाई बीनी है 
तुम्हारे जाने के बाद...
 
	
	

