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तुम्हारे प्यार का मौसम / मधुप मोहता
Kavita Kosh से
लो अब आया कि अब आया तुम्हारे प्यार का मौसम
बहुत ही बेवफा निकला तुम्हारे प्यार का मौसम
ज़रा खामोश, तनहा है, तुम्हारे प्यार का मौसम
कभी जलता कभी भीगा, तुम्हारे प्यार का मौसम
कभी सूखा कभी बरसा, तुम्हारे प्यार का मौसम
मेरे दिल में ही खिलता है, तुम्हारे प्यार का मौसम
कभी मदहोश बेखुद है तुम्हारे प्यार का मौसम
कभी गिर कर संभलता है तुम्हारे प्यार का मौसम
कभी मचला कभी रोया तुम्हारे प्यार का मौसम
कभी बच्चा कभी बूढ़ा तुम्हारे प्यार का मौसम