तुम्हारे लिए मैं पसंद करूँगा ख़ामोशी / पाब्लो नेरूदा
तुम्हारे लिए मैं पसंद करूँगा ख़ामोशी
तब जबकि तुम अनुपस्थित हो
और सुन सकती हो मुझे कहीं दूर से
जबकि मेरी आवाज़ स्पर्श नहीं कर सकती तुम्हें
प्रतीत होता है जैसे तुम्हारी आँखें कहीं उड़ गई थीं
और एक चुम्बन ने मोहर जड़ दी थी तुम्हारे ओठों पर
जैसे मेरी आत्मा के साथ ये सब भरा है
और इनमें से उभरना होता है तुम्हें
तुम मेरी आत्मा सरीखी हो
एक तितली स्वप्न की
और तुम हो उस शब्द जैसी : गहन उदासी
तुम्हारे लिए मैं पसंद करूँगा ख़ामोशी
लगता है बहुत दूर हो तुम
ये आवाज़ ऐसी है जैसे तुम रो रही हो
एक तितली कपोत सम कूं उठी हो
और तुम दूर से सुन रही होती हो मुझे
जबकि मेरी आवाज़ पहुँच नहीं सकती तुम तक
मुझे आ जाने दो अपनी चुप्पी में चुप रहने के लिए
और बतियाने दो मुझे तुम्हारे मौन से
ये चमकीला है कंदील जैसा
साधारण है एक छल्ले जैसा
तुम एक रात की तरह हो
जो होती है अपने सन्नाटे और नक्षत्रों के साथ
तुम्हारी ख़ामोशी उस सितारे की तरह है
जो सुदूर है पर साफ़
तुम्हारे लिए मैं पसंद करूँगा ख़ामोशी
तब जबकि तुम नहीं हो
बहुत दूर और भरपूर गम से
और मर चुकी हो
फिर भी एक शब्द, एक मुसकान पर्याप्त है
और मैं ख़ुश हूँ;
ख़ुश जो सच नहीं ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अपर्णा मनोज