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तुम्हारे साथ भी तन्हा हँ तुम न समझोगे / फ़रहत शहज़ाद

तुम्हारे साथ भी तन्हा हूँ तुम न समझोगे
मैं अपने ख़्वाब का साया हूँ तुम न समझोगे

तुम्हारे प्यार में जो मुझसे अजनबी ठहरी
मैं वो ख़ुशी की तमन्ना हूँ तुम न समझोगे

चुरा के आँख मिलाते हो तुम नज़र जिससे
मैं आईने का वो चेहरा हूँ तुम न समझोगे

तुम्हें क़रार<ref>सांतवना</ref> है `शहज़ाद' से, मुझे तुमसे
रक़ीब आप मैं अपना हूँ तुम न समझोगे

शब्दार्थ
<references/>