भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तुम्हें किसने कहा था तुम मुझे चाहो / दीप्ति मिश्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम्हें किसने कहा था तुम मुझे चाहो, बताओ तो,
जो दम भरते हो चाहत का, तो चाहत को निभाओ तो

दिए जाते हो ये धमकी गया तो फिर न आऊँगा,
कहाँ से आओगे पहले मेरी दुनिया से जाओ तो

मेरी चाहत भी है तुमको, और अपना घर भी प्यारा है,
निपट लूँगी मैं हर ग़म से, तुम अपना घर बचाओ तो

तुम्हारे सच की सच्चाई पे मैं क़ुर्बान हो जाऊँ
पर अपना सच बयाँ करने की तुम हिम्मत जुटाओ तो

फ़क़त इन बद्दुआओं से बुरा मेरा कहाँ होगा
मुझे बर्बाद करने का ज़रा बीड़ा उठाओ तो