भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तुम-1 / सलमा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम्हारे बारे में
मेरे ख़यालात

मेरे भीतर जगाते हैं
दुनिया के इतर पुरुषों के
घृणित बिम्ब


मूल तमिल से अनुवाद : कमलिनी दत्त