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तुम उदास मत होना / लोकमित्र गौतम

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मैं जल्द ही फिर लिखूंगा प्रेम कवितायेँ
अब तो मेरे पास कहने के लिए भी बहुत कुछ है
अब मुझे अपना प्रेम जताने के लिए
किसी टेनीसन,किसी इलियट की पंक्तियां भी नहीं चुरानी पड़ेंगी
हां, तुलसी और ग़ालिब के बारे में मैं कुछ नहीं कहता
क्योंकि हाल ही में रक्तदान के लिए हुई खून की जांच से मुझे पता चला है
कि खून सिर्फ पानी,प्लाज्मा और कुछ अलग अलग कणिकाओं का
समूह भर नहीं होता
खून में हवा, मिटटी, पानी, मौसम, जुबान ,सपने और पुरखे भी घुले होते हैं
बूंद बूंद में
हर बुलबुल में...