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तुम जो पर्वत थे... / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य
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तुम
जो पर्वत थे
उसे खोदा गया
और तुम
जो झील थे
उसे भर दिया गया
अब
तुम्हारे ऊपर से
एक चौरस सड़क गुज़रती है ।
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य