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तुम देवो रजा घर जावां / निमाड़ी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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तुम देवो रजा घर जावां,
राणी रनु बाई हो।।
चूल्हा पर खीचड़ी खद-बदऽ,
राणी रानु बाई हो।।
अंगारऽ सीजऽ दाळ,
राणी रनु बाई हो।।
ससराजी सूता द्वार,
राणी रनु बाई हो।।
सासुजी दीसे गाळ,
राणी रनु बाई हो।।
म्हारा स्वामी सोया सुख सेज,
राणी रनु बाई हो।।
तुम देवो रजा घर जावां,
राणी रनु बाई हो।।