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तुम बुझा नहीं सकते हो आग को / एमिली डिकिंसन
Kavita Kosh से
तुम बुझा नहीं सकते आग को
जला सकने वाली कोई चीज
बुझ सकती है खुद से ही, बिना किसी पंखे के
सबसे धीमी रात को भी.
ज्वार को लपेट कर
तुम रख नहीं सकते किसी दराज में
क्योंकि हवाओं को पता चल जाएगा उसका
और वे बता देंगी तुम्हारे देवदार फर्श को.
अनुवाद : मनोज पटेल