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तुम भी आओ / निक्की जोवान्नी
Kavita Kosh से
मैं दोस्त ढूँढ़ने भीड़ के पास गई
मैं प्यार ढूँढ़ने भीड़ के पास गई
मैं समझ पैदा करने भीड़ के पास पहुँची
और मुझे तुम मिले
मैं रोने के लिए भीड़ से मिली
मैं हँसने के लिए भीड़ से मिली
तुमने मेरे आँसू सोख लिए
तुमने मेरी ख़ुशी मेरे साथ बाँटी
मैं तुम्हें ढूँढ़ती हुई भीड़ से दूर हुई
मैं ख़ुद को ढूँढ़ती हुई भीड़ से दूर हुई
मैं हमेशा के लिए भीड़ से दूर हो गई
तुम भी आओ