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तुम मत खोजो कोई चेहरा / नीलोत्पल
Kavita Kosh से
सच्चाई वहाँ नहीं
जहाँ हम एक-दूसरे को जानते
और दिखावा करते हैं अपनाने का
जहाँ हम एक-दूसरे की प्रतीक्षा में हैं
दरअसल हम दोनों ही नहीं हैं वहाँ
यह एक क़िस्म की बेपरवाह ज़रूरत है
जबकि
मैं तुम्हें नहीं जानता
हम रहस्य हैं एक-दूसरे के लिए
यह हमें हमारी गुफ़ाओं और खोल से
बाहर लाता है
सच्चाई यह है
हम अपने झूठे चेहरों के साथ
ज़्यादा सच्चे हैं
तुम मत खोजो कोई चेहरा