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तुम मेरा दिल कि मेरी जाँ लोगे / आलोक यादव
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तुम मेरा दिल कि मेरी जाँ लोगे
ये ज़मीं या वो आसमाँ लोगे
दिल मेरा अब कहीं नहीं लगता
और तुम कितने इम्तिहाँ लोगे
मुझको सजदे में तुम ही दिखते हो
और क्या मेरे दो जहाँ लोगे
जिनपे मुझको बड़ा यक़ीन रहा
मुझसे वापस वो सब गुमाँ लोगे
चुक गया तेल रह गयी बाती
बुझ गयी शमा तो धुआँ लोगे
मंज़िलों पर पहुँच गये सब लोग
अब कहाँ गर्दे-कारवाँ लोगे
सारा गुलशन तो दे दिया 'आलोक'
अब भला क्या ये आशियाँ लोगे
सितम्बर 2013
गर्दे-कारवाँ - कारवां की धूल