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तुम साथ हो ना / शशि पाधा
Kavita Kosh से
1
सागर अपार
नाव मझधार
मनमानी लहरें
छूटी पतवार
तुम साथ हो ना?
बीहड़ वीरान
कोहरा तूफान
अनजान राहें
घोर सुनसान
तुम साथ हो ना?
उस पार गाँव
चुभती सी घाम
थकी- थकी देहरी
रूठी सी छाँव
तुम साथ हो ना?
2
चलो ढूँढ लायें
तितली के पंख
सागर किनारे
सीपी और शंख
तुम साथ हो ना!
भंवरों से सीखें
गीतों के छंद
साँसों में भर लें
भीनी सुगंध
तुम साथ हो ना!
किरणों की डोरी
अम्बर चौबारा
तारों के दीपक
जोड़ें दोबारा
तुम साथ हो ना!