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तुम हो किसके फूल? / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
बताओ तुम हो किसके फूल
रहे जो धीरे-धीरे झूल
खींचता कौन तुम्हारी डोर
किया है किसने प्रेम-विभोर
झूमते मस्ती में सब भूल
बताओ तुम हो किसके फूल
चाँद-सा प्यारा मुख उज्ज्वल
नयन के तारक हैं चंचल
अरे कान्हा तुम मेरे फूल
रहे जो धीरे-धीरे झूल
प्यार के झूले में सुकुमार
पड़े हो पाने सबका प्यार
तुम्हारी किलकारी सुख मूल
कन्हैया तुम हो मेरे फूल
बताओ तुम हो किसके फूल
रहे जो धीरे-धीरे झूल