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तुम हो / ऋचा दीपक कर्पे
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जिंदगी के हर
मुकाम पर
मेरे बदलते अक्स को
आईने के साथ
जिसने बदलते देखा
वो तुम हो...
बचपन की मेरे
मासूम दिनों की बातें
कुछ कडवे किस्से
कुछ मीठी यादें
मेरे साथ मेरा हर अहसास
जिसने जिया
वो तुम हो...
कभी न खत्म
होने वाली बातें
कल भी थी
और आज भी हैं
मुझसे बेहतर
मेरे दिल के हर कोने की
खबर है जिसे
वो तुम हो...
मेरी हर
अनकही बात
मेरी आँखों का
हर एक राज़
मेरी हर मुस्कान
और हर आँसूं की वजह
पूछे बिना
जो मेरे साथ है
वो तुम हो...