ग़लती से
तुम्हें बिछौने पर
टटोलता फिर रहा था
तुम तो
पहाड़ की तलहटी में
तिल-फूल बनकर
खिले हुए हो ।
मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार
ग़लती से
तुम्हें बिछौने पर
टटोलता फिर रहा था
तुम तो
पहाड़ की तलहटी में
तिल-फूल बनकर
खिले हुए हो ।
मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार