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तूँ आया है / बुल्ले शाह
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बेली जित घर तेरा फेर होया,
ओह जल थल माटी ढेर होया,
तन राख उड्डी ताँ ढेर होया।
इशक मैत्थों आया है।
तूँ आया है, मैं पाया है।
जकड़ीए सिर कलवत्र दित्तो ई,
यूसफ हट्टो हट्ट विकेओ ई,
इबराहीम चिखा विच्च पाएओ ई।
ऐ कौण क्या लै आया है
तूँ आया है, मैं पाया है।
इकनाँ दे पोश लुहाईदा,
इक्क आरिआँ नाल चिराईदा,
इक्क सूली चाए दिवाईदा।
कर किस गल्ल दा सधराया है।
तूँ आया है, मैं पाया है।
बुल्ला सहु दे कारन करन कर,
तन भðी एह मन आ हरन कर,
विच्च दिल दे लोहा मारन कर।
लोहार किन अटकाया है।
तूँ आया है, मैं पाया है।
शब्दार्थ
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