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तूतनख़ामेन के लिए-10 / सुधीर सक्सेना

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तूतनखामेन नहीं,

सब कुछ क़ैद है वहाँ


हवा,

रोशनी,

और गंध ।


तूतनखामेन नहीं,

सब कुछ मुर्दा है वहाँ

हवा,

रोशनी,

और गंध ।


जागेगी एक दिन हवा,

जागेगी रोशनी,

जागेगी गंध ।


बस,

सोता रह जाएगा

जागेगा नहीं

एक अकेला तूतनखामेन ।