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तूतनख़ामेन के लिए-12 / सुधीर सक्सेना
Kavita Kosh से
ज़्यादा दिन नहीं जिया
तूतनख़ामेन
असमय ही समा गया
कराल काल के गाल में
अंकित है तूतनख़ामेन के मक़बरे पर कथन--
"मैं देख चुका हूँ कल बीता हुआ,
और जानता हूँ आगामी कल"
गहरी उत्तेजना में
तूतन के होंठों से फूटे होंगे ये शब्द
कल और आज की तारीख़ में
कोई नहीं जानता
जान भी नहीं पाएगा, शायद
न लिखा कार्टर ने,
न किसी पोथी में,
न फराओह वंश के राजलेखकों ने
क्यों और कैसे
मरा तूतनख़ामेन
महान फराओह ?
क्यों कहा था
तूतनख़ामेन ने
मैं देख चुका हूँ कल बीता हुआ
और जानता हूँ आगामी कल
आख़िर किस कल की बात की थी
कल और कल के बीच
आज की तारीख़ में फँसे
तूतनख़ामेन ने ?