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तू अगर मेरी जान हो जाये / रंजना वर्मा

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तू अगर मेरी जान हो जाये।
जिंदगी पर गुमान हो जाये॥

साँवरे तू सजा कहीं महफिल
बस तुझे मेरा ध्यान है जाये॥

है कहाँ पर खिली कली कोई
सारे भ्रवरों को ज्ञान हो जाये॥

तितलियाँ अपने पंख फैला दें
काम की जो कमान हो जाये॥

प्यास जल से किसी नहीं बुझती
चातकी का बयान हो जाये॥

मेघ की धुन सुनी मगन नाचे
मोर मीठी जुबान हो जाये॥

जुगनुओं की बरात निकले तो
रोशनी पर लगान हो जाये॥