तू इन्तेज़ार में अपने यह मेरा हाल तो देख।
कि अपनी हद्देनज़र तक तड़प रहा हँ मैं॥
जलाले-मशरबेमन्सूर, ऐ मुआज़ल्ला।
किसी ने फिर न कहा आज तक ख़ुदा हूँ मैं॥
तू इन्तेज़ार में अपने यह मेरा हाल तो देख।
कि अपनी हद्देनज़र तक तड़प रहा हँ मैं॥
जलाले-मशरबेमन्सूर, ऐ मुआज़ल्ला।
किसी ने फिर न कहा आज तक ख़ुदा हूँ मैं॥