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तू दुखी है, मैं दुखी हूँ, यह निकट परिचय हमारा / वीरेंद्र मिश्र

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तू दुखी है, मैं दुखी हूँ, यह निकट परिचय हमारा,
एक ही तूफ़ान में था खो गया अपना किनारा,
स्वप्न तेरे स्व्प्न मेरे आँसुओं में तैरते हैं,
एक दिन जगमग करेगा, साथ, दोनों का सितारा ।