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तू मेरा दास्त है जंजीर न बन / उर्मिल सत्यभूषण
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तू मेरा दास्त है जंजीर न बन
दिल को राहत तो दे दिल की पीर न बन
जब घिरुं तमसे मैं, रोशनी ले के आ
तू यकीं है मेरा, तकदीर न बन
वक्त की तरह तू मेरे जख्मों को भर
उसकी मरहम तो बन, विष का तीर न बन
दर्द को कांधा दे खामोशी से तू
मेरा हमदर्द बन, तदबीर न बन
बदगुमानी मेरी प्यार से तू मिटा
बन मेरा आईना, तस्वीर न बन
रिश्ते ज़ज्बात के हक देते नहीं
छोड़ पाऊँ ही न, जागीर न बन।