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तू मेरे सामने मैं तेरे सामने / आनंद बख़्शी
Kavita Kosh से
तू मेरे सामने मैं तेरे सामने
तुझको देखूँ कि प्यार करूँ
ये कैसे हो गया, तू मेरी हो गयी
कैसे मैं ऐतबार करूँ
टूट गई टूट के मैं चूर हो गयी
तेरी ज़िद से मज़बूर हो गयी
तेरा जादू चल गया ओ जादूगर
तेरी जुल्फ़ों से खेलूंगा मैं
तुझको बाहों मैं ले लूंगा मैं
दिल तो देते हैं आशिक़ सभी
जान भी तुझको दे दूंगा मैं
एक बार नहीं सौ बार कर ले,
जी भर के तू मुझे प्यार करले
तेरा जादू चल गया ओ जादूगर
इस कहानी के सौ साल हैं
इस कहानी के सौ साल हैं
ये तेरे प्यार के चार पल
ज़िन्दगानी के सौ साल हैं