तू मौन क्यों है? / असंगघोष
तुम्हारे!
तमाम तरह के हथियार
मेरे बैरी क्यों हैं?
तुम्हारी कुपित दृष्टि
मुझ पर ही मेहरबान क्यों हैं?
तुमने मेरे पुरखों का ही वध क्यों किया?
इक्कीस बार धरा से
क्षत्रियों का नाश करने वाला
वह तेरा ही पुरखा क्यों था?
और कहाँ से पैदा हुआ
बार-बार मरने के लिए क्षत्री?
कौन थे वे क्षत्री?
क्या थी उनकी वंशावली?
जिन्हें तेरे पुरखे ने मारकर
इस धरा को इक्कीस बार
क्षत्रियों रहित किया
कौन थे वे?
कैसे बार-बार पैदा होते रहे?
इस पर तू मौन क्यों है?
तेरी इस शौर्य गाथा का बखान
तेरे ही मुख से है
यह भी बता
तेरे ग्रंथों में उल्लेखित
सभी राक्षस मार कर
कहाँ दफनाए गए?
किस सत्ता के लालच में?
तेरे पुरखे ने ऐसा जघन्य कृत्य किया
इन प्रश्नों पर तू मौन क्यों है?
बोल स्याऽऽऽऽऽले बोल
कुछ तो बोल!