भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तू हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा / साहिर लुधियानवी
Kavita Kosh से
तू हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा
इन्सान की औलाद है इन्सान बनेग
कुदरत ने तो बनाई थी एक ही दुनिया
हमने उसे हिन्दू और मुसलमान बनाया
तू सबके लिये अमन का पैगाम बनेगा
इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा
ये दिन ये ईमान धरम बेचने वाले
धन-दौलत के भूखे वतन बेचने वाले
तू इनके लिये मौत का ऐलान बनेगा
इन्सान की औलाद है इन्सान बनेगा