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तृप्ति / मनोज श्रीवास्तव

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तृप्ति

गरम-गरम बातों की
अंगीठी पर
संतोष की रोटियां
सेंककर
तृप्त होने से,
तुम्हारे पापी पेट की जुबान
बंद नहीं हो जाएगी.