मैंने अपने सामने देखा
भीड़ में मैंने तुम्हें देखा
गेहूँ के खेत में तुम्हें देखा
पेड़ के नीचे तुम्हें मैंने देखा
अपना सफ़र ख़त्म होने पर
अपनी तकलीफ़ की गहराई में
हर मुस्कान के कोने में
पानी और आग़ से उभरती हुई
गर्मी और जाड़े में तुम्हें देखा
अपने सारे घर में तुम्हें देखा
अपनी बाँहों में तुम्हें देखा
अपने सपनो में तुम्हें देखा
मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य