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तेरह भजन (माँ के लिए) / बैर्तोल्त ब्रेष्त / नीलाभ
Kavita Kosh से
और जब वह ख़त्म हो गई, उन्होंने दफ़्न कर दिया उसे,
फूल उगते रहे उसके ऊपर, तितलियाँ मण्डराती रहीं उस पर
इतनी हलकी थी वह, मुश्किल से दबा पाई धरती को
कितनी तकलीफ़ों से गुज़र कर हुई होगी वह इतनी हलकी।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीलाभ