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तेरा जाईयो सत्यानाश राम या किसी करी मेरी गेल / मंगतराम शास्त्री

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तेरा जाईयो सत्यानाश राम या किसी करी मेरी गेल
आशा पै दिन तोड़ रहा था कर दिया मटिया मेल
 
देख-देख गेहूं की बाली मन हुलसाया था
बेच फसल नै के के करणा जोड़ लगाया था
खो दिया जमा जमाया था जो पल दो पल में खेल
 
पोस माघ के म्हीने में जब पाळा पड़्या कसाई
पाणी के म्हैं खड़ा रह्या मनै कोन्या करी कोताही
तनै मेरे ऊपर किसी चलाई या पैने मुंह की सेल
 
पकी फसल पै ओळे पड़ग्ये सारा खेत पसरग्या
मेरी काया लीली होग्यी जणूं काळा बिषियर लड़ग्या
मेरे नाम का आज तूं मरग्या हो चाहे बेशक ठेल
 
खेत लिया था ठेके पै साहुकार से कर्जा ठाकै
यू तै माफ भी ना होवै ना कोए बचावै आकै
बेईमान तेरे गुण गाकै मनै के काढ्या खड़तेल