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तेरा पता बताता है / शीन काफ़ निज़ाम
Kavita Kosh से
तेरा पता बताता है
एक हवा का झोंका है
फिर उसने ख़त भेजा है
शायद अब के तन्हा है
सबकी प्यास बुझाता है
पानी हो कर प्यासा है
कमरे से डर लगता है
उस में इक आइना है
उस के घर का दरवाज़ा
चौराहे पर खुलता है
शाम हुई घर लौट गया
सुबह का ही तो भूला है
ख़ामोशी थी सड़कों पर
गलियों में हंगामा है