भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तेरा प्यार / ओएनवी कुरुप
Kavita Kosh से
तेरा प्यार
जैसे हवा
हवा का कोई झोंका
जैसे नदी
बहती हुई नदी
जैसे समुद्र
शान्त और तूफ़ानी समुद्र
तेरा प्यार
दिखाई देता है जो
ख़ामोश गहराइयों में भी ।