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तेरा साथ है तो / संतोषानन्द
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तेरा साथ है तो, मुझे क्या कमी है
अँधेरो से भी मिल रही रोशनी है
कुछ भी नही तो कोई ग़म नही
हाय एक बेबसी बन गई चाँदनी है
टूटी है कश्ती तेज़ है धारा
कभी ना कभी तो मिलेगा किनारा
बही जा रही यह समय की नदी है
इसे पार करने की आशा जगी है
हर इक मुश्किल सरल लग रही है
मुझे झोपड़ी भी महल लग रही है
इन आँखों मे माना नमी ही नमी है
मगर इस नमी पर ही दुनिया थमी है
मेरे साथ तुम मुस्कुरा के तो देखो
उदासी का बादल हटा के तो देखो
कभी हैं यह आँसू कभी यह हँसी हैं
मेरे हमसफ़र बस यही ज़िन्दगी है|
फ़िल्म : प्यासा सावन (1981)