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तेरे नाम / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग

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जब कभी कोई कहीं
तेरा नाम लेता है, लिखता है,
अपना-सा दिखता है।
लगता है जैसे
वह अजनबी नहीं बिल्कुल
परिचित है अरसे का।
मेरी कमज़ोरी की-
नहीं, नहीं
मेरी इस ताक़त की
उसको पहचान है
(ऐसा अनुमान है)।